Airbag क्या होता है और यह कैसे कार्य करता है?

आजकल दुनिया में जनसंख्या बहुत ही तेज़ी के साथ बढ़ रही है। इसी के साथ सड़कों पर वाहनों की संख्या भी बहुतायत में बढ़ रही  है। जिसके कारण हमको प्रतिदिन कहीं न कहीं रोड दुर्घटना जैसी खबरें सुनने को मिलती रहतीं हैं। दुर्घटनाओं में शरीर हानि भी ज्यादा होती है और जान जाने का खतरा भी लगा रहता है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए कार निर्माता कम्पनियों ने अपनी अपनी कारों में Airbag जैसी तकनीक देना शुरू कर दी है।

इस Article में हम आपको Airbag क्या होता है? Airbag कैसे कार्य करता है? तथा यह किस पदार्थ से बना होता है तथा इसके कौन-कौन से भाग होते हैं?

Airbag क्या होता है? What is Airbag?

कार में Cotton का एक थैला बना हुआ होता है जिसको हम Airbag के नाम से जानते हैं जो दुर्घटना में यात्री को बहुत हद तक बचाने का कार्य करता है। सड़क दुर्घटना के होने पर यह अपने आप बहुत कम समय में खुल जाता है। Airbag कार के Steering Wheel, दरवाजे और Dashboard पर लगे हुए होते हैं। यह Feature कार में यात्री की सुरक्षा के लिए दिया हुआ होता है।

Airbag कैसे कार्य करता है? How Airbag Works?

किसी भी जगह सड़क दुर्घटना के समय कार के टकराने पर Airbag अपने आप खुल जाता है। Airbag 0.3 Sec में लगभग 320 Km की रफ्तार से खुलता है। सड़क दुर्घटना की स्थिति में Sensor Active हो जाता है और Airbag को खोलने के लिए Signal भेजता है। Signal मिलते ही Steering के नीचे मौजूद Inflector Active हो जाता है। Inflector सोडियम एजाइड के साथ अभिक्रिया करके नाइट्रोजन गैस को उत्पन्न करता है। दुर्घटना होने पर Nitrogen Gas द्वारा भरा हुआ Bag हमारे सामने आ जाता है और हमको चोट लगने से बचा लेता है।

Airbag के मुख्य घटक [Components of Airbag]

Airbag के मुख्य तीन घटक होते हैं जो की निम्न हैं –

  1. Inflatable Bag – नायलान के पतले कपड़े के द्वारा यह बनाया गया होता है और Inactive Position में मोड़कर यह गाड़ी के Steering व्हील के अंदर फिट किया जाता है।
  2. Impact Bag – दुर्घटना के होने पर यह सेन्सर Airbag को खुलने के लिए Signal भेजता है।
  3. Inflation System – Bag की Inflation का वास्तविक कार्य इसी सिस्टम के द्वारा किया जाता है। जैसे ही सिस्टम को Sensor से Signal मिलता है तो यह सोडियम एजाइड (NaN3) और पॉटेशियम नाइट्रेट (KNO3) के बीच रासायनिक अभिक्रिया कराता है तथा इस अभिक्रिया में नाइट्रोजन गैस बनती है जो Bag को फुलाने का कार्य करती है।

Airbag के प्रकार (Types of Airbag)

  1. Frontal Airbag – ये Airbag Steering व्हील में लगाए जाते हैं और अब इनमें Shaped Airbag को भी शामिल किया गया है।
  2. Passenger Airbag – इसका उपयोग चालक के साथ-साथ यात्रियों को भी बचाने के लिए किया जाता है।
  3. Side Airbag – इस Bag का इस्तेमाल दुर्घटना होने की स्थिति में T-Bone या Side Crash से सुरक्षा के लिए किया जाता है।
  4. Rear Centre Airbag – गाड़ी में पीछे की ओर बैठे हुए व्यक्तियों को दुर्घटना के दौरान लगने वाली चोट से बचाने के लिए किया जाता है।
  5. Knee Airbag – यह Airbag Steering Wheel के नीचे फिट किया गया होता है और दुर्घटना होने की स्थिति में घुटनों और पैरों को सुरक्षा प्रदान करता है।
  6. Rear Curtain Airbag – गाड़ी के पीछे बैठे हुए व्यक्तियों को Rear and Crash के दौरान सिर की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  7. Side Toolbar – यह Airbag Side से होने वाली टक्कर में यात्रियों के सिर की सुरक्षा करता है।

Airbags में कौन सी गैस भरी होती है?

सोडियम एजाइड गैस Airbag में भरी होती है जो की दुर्घटना के दौरान क्रिया करके Nitrogen गैस को उत्पन्न करती है जिससे Airbag 0.2 Sec से 0.3 Sec में फूल जाता है।

Airbag किस पदार्थ से बना होता है?

Airbag Cotton का बना होता है जिसके ऊपर सिलिकॉन धातु की कोटिंग की गई होती है।

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Airbag वाली कार में क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?

जिस भी किसी कार में Airbag होता है उसमें हमको थोड़ी सावधानियाँ रखनी चाहिए। कार को चलाते समय ड्राईवर को Steering से कुछ दूरी पर बैठना चाहिए क्योंकि Airbag खुलने पर बहुत तेज़ी से झटका लग सकता है और इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति Airbag के ज्यादा नजदीक तो Airbag ठीक तरह से खुल भी नहीं पता है जिसकी वजह से उसमें बैठे हुए व्यक्तियों को और ज्यादा चोट लगने का खतरा भी लगा रहता है।

कार में Airbag ठीक तरह से कार्य तब करता है जब सभी व्यक्तियों ने सीट बेल्ट पहन रखी हो। कार के Dashboard पर हमको कोई भी समान नहीं रखना चाहिए क्योंकि इसके कारण Airbag ठीक तरीके से खुल नहीं पता है। कई कारें ज्यादा Advance होतीं हैं तो उनमें Side में Airbag लगे होते हैं। कई लोग अपनी गाड़ियों में अलग से Seat Cover लगा लेते हैं तो इससे Side Airbags को खुलने में दिक्कत होती है। इसलिए हमेशा Side Airbag वाली कारों में Seat Cover नहीं लगाने चाहिए।

Airbag वाली कार में Driver को या किसी भी व्यक्ति को जो गाड़ी में बैठा हो, को Dashboard पर पैर नहीं रखना चाहिए क्योंकि Airbag खुलते समय किसी भी व्यक्ति के पैर या किसी भी अंग पर गम्भीर चोट लग सकती है। Airbag के खुलने की स्पीड बहुत तेज होती है।

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Airbag कितना सुरक्षित है?

Airbag के कारण कार में बैठे हुए व्यक्ति सुरक्षित रहते हैं क्योंकि दुर्घटना के दौरान लोगों की मौतें Dashboard पर सिर टकराने तथा कहीं भी गंभीर चोट लगने से हो जाती है। इसलिए Airbag का इस्तेमाल होता है। जैसे ही कार कहीं भी टकराती है तो Airbag अपने आप Automatic खुलकर लोगों को बचाने का कार्य करता है। भारत सरकार द्वारा हर कार निर्माता कम्पनी को यह चेतावनी दे दी गई है की प्रत्येक कार में Airbag को लगाया जाए। जिससे की होने वाली दुर्घटनाओं में कुछ कमी आ सके।

Airbag की कीमतें

अलग–अलग गाड़ियों के लिए Airbags की कीमतें भी अलग-अलग होतीं हैं। Airbag की कीमत 3000 रुपये से लेकर 28000 रुपये तक होती है।

कुछ गाड़ियों के Airbag की कीमत निम्न प्रकार है –

  • Skoda Airbag – 8000 INR /-
  • Maruti Suzuki Airbag – 7200 INR /-
  • Honda Amaze Airbag – 7500 INR /-
  • BMW/ Mercedes/ Audi या अन्य Luxury Cars – 10000 – 28000 INR /-

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Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ की आपको मेरा यह Article “Airbag क्या होता है? Airbag कैसे कार्य करता है?” जरूर अच्छा लगा होगा। Airbag से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियों को CarsJankari पेज पर सरल करने की कोशिश की है।
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